भानगढ़ किला – भारत का सबसे भूतिया किला

सालों पहले, राजस्थान के भानगढ़ किले के पास एक ग्रुप ने एडवेंचर ट्रिप प्लान की। चार दोस्त – रोहित, कबीर, सना और अली – ये सभी हॉरर स्टोरीज़ और पैरानॉर्मल एक्टिविटीज़ के शौकीन थे। उन्होंने सुना था कि सूरज ढलने के बाद इस किले में जाने की सख्त मनाही है, लेकिन इन चारों ने रात में वहाँ जाने की ठान ली।

 

रात 12 बजे – किले का प्रवेश द्वार

चारों दोस्त दीवार फाँदकर अंदर दाखिल हुए। किला वीरान और भयानक था। हवा में सड़ांध थी, जैसे किसी पुराने समय की लाशें अब भी सड़ रही हों। अंदर घुसते ही कबीर ने अपने कैमरे से वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू कर दी।

जैसे-जैसे वे आगे बढ़े, उन्हें ऐसा लगने लगा कि कोई उन्हें देख रहा है। अचानक, सना ने धीमी आवाज़ में कहा, "रुको... किसी की परछाईं दिखी थी वहाँ..."

वे सब मुड़कर देखने लगे, लेकिन वहाँ कोई नहीं था। तभी एक जोरदार हवा का झोंका आया, और दरवाजे अपने आप बंद हो गए।

 

रात 1 बजे – राजकुमारी की हवेली

भानगढ़ की सबसे कुख्यात जगह थी राजकुमारी रत्नावती की हवेली। कहा जाता था कि एक तांत्रिक ने उसे पाने की कोशिश की थी, लेकिन रत्नावती ने उसे मार डाला था। उसकी मौत के बाद, तांत्रिक ने श्राप दिया था कि पूरा किला बर्बाद हो जाएगा।

जब वे हवेली के अंदर पहुँचे, तो अली ने ठिठक कर कहा, "क्या तुमने वो सुना? किसी औरत के पैरों की पायल की आवाज़..."

सभी ने ध्यान से सुना – और हाँ, यह सच था! किसी अदृश्य औरत के पैरों की आवाज़ धीरे-धीरे उनके पास आ रही थी। रोहित ने जैसे ही टॉर्च उस तरफ घुमाई, एक सफेद साड़ी में लिपटी एक अधजली महिला खड़ी थी।

 




रात 1:15 बजे – हवेली के अंदर मौत का साया

सना ने चीखना चाहा, मगर आवाज़ गले में ही अटक गई। चारों दोस्त जड़ होकर खड़े थे। तभी हवा में एक अजीब-सी सरसराहट हुई और वह औरत अचानक ग़ायब हो गई।

"भागो!" कबीर चिल्लाया और चारों दौड़ पड़े। जैसे ही वे दरवाजे की ओर पहुँचे, वह अपने आप ज़ोर से बंद हो गया। हवेली में अंधेरा और भी गहरा हो गया था।

तभी, हवेली की छत से किसी के हँसने की हल्की आवाज़ आई – वह हँसी किसी इंसान की नहीं थी!

 

रात 1:30 बजे – मौत का अहसास

अली हिम्मत जुटाकर दीवार के सहारे चलने लगा, तभी उसके कंधे पर किसी का ठंडा हाथ पड़ा। वह कांप उठा और झटके से पीछे मुड़ा – वहाँ कोई नहीं था।

"कुछ तो है यहाँ," रोहित ने घबराते हुए कहा।

तभी अचानक कबीर ज़ोर से चिल्लाया – वह हवा में ऊपर उठने लगा! किसी अदृश्य शक्ति ने उसे पकड़ लिया था। वह छटपटाने लगा, मगर कुछ देर बाद वह बेहोश होकर ज़मीन पर गिर पड़ा।

 

रात 2 बजे – किले से बाहर निकलने की कोशिश

अब चारों की हालत ख़राब हो चुकी थी। वे किसी भी हालत में बाहर निकलना चाहते थे। मगर जिस दरवाजे से वे अंदर आए थे, वह अब वहाँ था ही नहीं!

अचानक, दीवारों पर परछाइयाँ दिखने लगीं – जैसे कई लोग उनकी तरफ़ बढ़ रहे हों। पायल की आवाज़ तेज़ होती गई, फिर एक घातक चीख़ गूंज उठी!

सना का शरीर सुन्न हो गया। उसे लगा कि कोई उसके कान में फुसफुसा रहा है – "तुम लोग यहाँ नहीं होने चाहिए थे..."

तभी ज़मीन ज़ोर से हिली, और अचानक दरवाजा फिर से दिखाई देने लगा। बिना सोचे-समझे चारों दौड़ पड़े।

 

सुबह 4 बजे – गाँव के बाहर

चारों किसी तरह किले से बाहर निकल आए और सीधा गाँव पहुँच गए। वहाँ के बुजुर्गों ने जब उन्हें देखा, तो दहशत में पड़ गए।

"तुम लोग ज़िंदा कैसे बच गए?" एक वृद्ध आदमी ने काँपते हुए पूछा।

अगले कुछ दिनों तक कबीर को तेज़ बुखार रहा, और अली को हर रात नींद में झटके आते। सबसे डरावनी बात यह थी कि कबीर के कैमरे में रिकॉर्ड हुई आख़िरी वीडियो में, उनके पीछे एक अधजली औरत खड़ी थी... और वह मुस्कुरा रही थी!

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I love to explore horror and thriller stories like this horror blog, thanks to vicky kumar.

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